पेशेवरों को अपनी पसंदीदा चीज में मेहनत करनी चाहिए," यह कहकर नारायण मूर्ति ने युवाओं को महत्वपूर्ण संदेश दिया

पेशेवरों को अपनी पसंदीदा चीज में मेहनत करनी चाहिए," यह कहकर नारायण मूर्ति ने युवाओं को महत्वपूर्ण संदेश दिया

मंगलवार को उस्मानिया विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाले कॉरपोरेट लीडर नारायण मूर्ति ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पेशेवरों को वही काम करना चाहिए जो वे पसंद करते हैं। अगर आप जो करते हैं, उसे पसंद नहीं करते हैं, तो आप केवल खुद को दोषी मानते हैं।

मूर्ति ने अपने भाषण में युवाओं को समय की महत्वता के बारे में बताते हुए कहा कि वह खुद भी कई बार ऐसी स्थिति में आते हैं जब उन्हें अपनी मेहनत पर प्यार नहीं होता है, लेकिन उन्होंने समय के महत्व को समझा और अपनी क्षमताओं का समय पर सही उपयोग किया।

उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों को 'दीर्घकालिक नजरिए' को ध्यान में रखना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि वे हमेशा हर क्षेत्र में शीर्ष पर नहीं रहेंगे। वह छात्रों को विराट कोहली के उदाहरण के माध्यम से समझाते हुए कहा कि कोहली भी कभी-कभी डक पर आउट हो जाते हैं, लेकिन उनका यह मानना नहीं है कि वह कमजोर हैं।

मूर्ति ने आगे कहा, "मैं कड़ी मेहनत करता हूं क्योंकि मैं जो करता हूं, उससे प्यार करता हूं और चीजों को पूरा करना चाहता हूं। मेरे करियर में कई बार ऐसा समय आता है जब मैं कुछ करना चाहता हूं, ऐसे में आप पागलों की तरह काम करते हैं। साथ ही, एडोब में ऐसे लोग हैं जो मेरे साथ काम करते हैं और वे समय निकालना चाहते हैं और मैं उनका समर्थन करता हूं।"

इस मौके पर, एडोबी के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने 70 घंटे काम के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए थे। उन्होंने कहा कि हफ्ते में पांच दिन काम करने का चलन भी अब समाप्ति की ओर है और काम के घंटों से किसी भी उत्पादकता का अंदात नहीं लगाया जा सकता।

इस बारे में महत्वपूर्ण चर्चा हो रहा है और यह एक महत्वपूर्ण विषय है जो व्यवसायिक संगठनों में उठा रहा है। लोगों की स्वास्थ्य और कामकाज की उत्पादकता के बीच संतुलन की खोज में सही दिशा में कदम उठाना महत्वपूर्ण है।